लेखनी प्रतियोगिता -04-Feb-2023 तुम ही हो
बेसहारों का सहारा, शंकर तुम ही हो
डूबती आशाओं का किनारा तुम ही हो
कृपा की अजस्र धारा, शिव तुम ही हो
सकल विश्व के पालनहारा तुम ही हो ।।
तुम अवढर दानी तुम भोले भण्डारी हो
तुम इस जग के स्वामी तुम त्रिपुरारी हो
तुम कैलाश वासी तुम त्रिशूल धारी हो
तुम अजन्मा, अगम, अगोचर, अविकारी हो ।।
हम मानव दीन हीन , निर्बल , कमजोर हैं
तुम क्षमाशील दयावान हम त्रुटि पुरजोर हैं
तुम अटल शांति हम कोलाहल घनघोर हैं
तुम पथ प्रदर्शक, प्रकाश पुंज चांद चकोर हैं ।।
अब तो जन जन की पुकार सुनो प्रभु
अपने भक्तों का अब तो उद्धार करो प्रभु
मानवता के दुश्मनों का संहार करो प्रभु
अबलाओं की दुर्दशा पर कुछ तो विचार करो प्रभु ।।
ये हमारी बस एक अरजी है
करो या ना करो, आपकी मरजी है
हर हर महादेव
श्री हरि
4.2.23
अदिति झा
06-Feb-2023 12:03 PM
Nice 👌
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Punam verma
05-Feb-2023 09:43 AM
Very nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
05-Feb-2023 09:03 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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